महिलाओं में बढ़ा सेकेंड हैंड कारों का ट्रेंड, ऑटोमैटिक कारों की हो रही है ज्यादा पसंद

International Women’s Day Spinny Offers: महिलाओं की बढ़ती भागीदारी – सेकेंड हैंड कार मार्केट में एक नया बदलाव

भारत में सेकेंड हैंड कार का बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, और इस परिवर्तन में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी एक महत्वपूर्ण पहलू बनकर उभरी है।

स्पिनी की हालिया रिपोर्ट ने यह दर्शाया है कि महिलाएं अब पुराने (यूज्ड) कारों की खरीदारी में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं, और उनकी संख्या पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ी है।

स्पिनी के मुताबिक, 2024 में कुल महिला खरीदारों का प्रतिशत 26% था, जबकि 2023 में यह आंकड़ा केवल 16% था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मार्च 2025 तक महिला खरीदारों का आंकड़ा 46% तक पहुंच सकता है, जो महिलाओं के बढ़ते आर्थिक आत्मनिर्भरता, उनकी बदलती प्राथमिकताओं और समाज में हो रहे सकारात्मक बदलावों को दर्शाता है।

यह आंकड़े इस बात का संकेत हैं कि महिलाएं अब कार खरीदने में पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।

महिलाओं की बदलती प्राथमिकताएं और कारों की पसंद

रिपोर्ट में यह उल्लेखनीय तथ्य सामने आया है कि महिलाएं ऑटोमैटिक गियर वाली हैचबैक कारों को अधिक पसंद कर रही हैं

लगभग 60% महिलाएं ऑटोमैटिक हैचबैक कारें चुनती हैं, क्योंकि इन्हें चलाना आसान होता है, विशेषकर शहरी इलाकों में।

शहरों में ट्रैफिक की समस्या को ध्यान में रखते हुए, ऑटोमैटिक कारों को चलाना महिलाओं के लिए काफी सुविधाजनक और आरामदायक साबित हो रहा है।

इसके अलावा, 18% महिलाएं कॉम्पैक्ट एसयूवी जैसी कारों को पसंद करती हैं, जो उन्हें एक अधिक स्टाइलिश और स्पेशियस विकल्प प्रदान करती है।

रेनो क्विड, हुंडई ग्रैंड आई10 और मारुति सुजुकी स्विफ्ट जैसी कारें महिलाएं सबसे ज्यादा पसंद करती हैं। ये कारें उनकी ज़रूरतों, सुविधाओं और बजट के अनुसार बेहतरीन विकल्प साबित होती हैं।

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महिला खरीदारों का प्रमुख क्षेत्र

स्पिनी की रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में महिला खरीदारों का प्रतिशत सबसे अधिक है, जहां 48% महिलाएं सेकेंड हैंड कार खरीद रही हैं। इसके बाद मुंबई (46%), बेंगलुरु (41%), और पुणे (39%) आते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, दिलचस्प यह है कि छोटे शहरों, जैसे लखनऊ और जयपुर, में भी महिलाओं की कार खरीदारी में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है।

इन शहरों में महिला खरीदारों का प्रतिशत 20% बढ़ा है, जो इस बात का संकेत है कि महिलाएं अब छोटे शहरों में भी ज्यादा स्वतंत्रता के साथ अपनी कार खरीदने के फैसले ले रही हैं।

महिला खरीदारों की आयु और बदलता सामाजिक परिदृश्य

महिला खरीदारों की आयु 30 से 40 साल के बीच ज्यादा है, जो यह दर्शाता है कि यह महिलाएं मुख्य रूप से नौकरीपेशा हैं और अपनी ज़रूरतों और सुविधाओं के हिसाब से कार खरीदने में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो रही हैं।

यह बदलाव उन सामाजिक रुझानों का हिस्सा है जहां महिलाएं अब आर्थिक दृष्टि से भी स्वतंत्र हो रही हैं और अपनी जीवनशैली और यात्रा के तरीकों को बेहतर बनाने के लिए कदम उठा रही हैं।

स्पिनी के महिला दिवस विशेष ऑफर – कार खरीदने में आकर्षक छूट

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, स्पिनी ने महिला खरीदारों के लिए खास ऑफर भी पेश किए। 7 मार्च से 9 मार्च तक महिलाओं के लिए 1 लाख रुपये तक की छूट की पेशकश की गई थी, जब वे कार खरीदने, बेचने या बदलने का विकल्प चुनती थीं।

इसके अलावा, स्पिनी ने हर दिन एक लकी महिला विक्रेता को 5,000 रुपये का इनाम देने का ऐलान किया था। ये ऑफर विशेष रूप से महिलाओं को कार खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से डिजाइन किए गए थे, ताकि महिलाएं अपनी पसंद और जरूरत के मुताबिक कार चुन सकें।

महिलाएं अब कार खरीदने के मामले में पुरुषों से पीछे नहीं

अब समय बदल चुका है और महिलाएं अपनी आवश्यकताओं और पसंद के हिसाब से अपनी कार खरीदने में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो चुकी हैं

वे अब केवल अपनी कार की सवारी से अधिक, अपने आत्मनिर्भरता, स्वतंत्रता और जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए कार खरीदने का फैसला करती हैं।

स्पिनी की रिपोर्ट ने यह साबित किया है कि महिलाएं अब किसी भी तरह के पारंपरिक बंधनों से मुक्त होकर, अपनी खरीदारी के फैसलों को अधिक आत्मविश्वास के साथ ले रही हैं। महिलाएं अब कार खरीदने में पुरुषों से पीछे नहीं हैं और इस बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं।

यह रिपोर्ट भारत में महिलाओं की बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रता और समाज में हो रहे सकारात्मक बदलावों का प्रतीक है, जो इस देश के कार बाजार में एक नया मोड़ लेकर आई है।

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