अमेरिका के प्रसिद्ध शोधकर्ताओं ने बताया-प्लास्टिक के बर्तनों में खाने से हो सकता है हार्ट फेलियर, खाने से जुड़ी 7 आदतें जल्द ही सुधारें

प्लास्टिक के कंटेनरों में खाना खाने से हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ सकता है

दिल की सेहत के लिए ध्यान रखना बेहद जरूरी है, और यह सीधे तौर पर हमारी खाने-पीने की आदतों से जुड़ा हुआ है। एक नई स्टडी में यह सामने आया है कि प्लास्टिक के बर्तनों में खाना खाने से कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure) का खतरा बढ़ सकता है।

इस अध्ययन को ScienceDirect में प्रकाशित किया गया है, जिसमें चीन के 3,000 से ज्यादा लोगों पर रिसर्च की गई और चूहों पर भी परीक्षण किए गए।

प्लास्टिक से जुड़े खतरों के बारे में क्या पता चला?

रिसर्च के मुताबिक, जब प्लास्टिक के कंटेनरों में खाना पकाया या गर्म किया जाता है, तो उसमें से निकलने वाले माइक्रोप्लास्टिक्स खाने में मिल जाते हैं।

यह माइक्रोप्लास्टिक्स शरीर में पहुंचकर आंतों के बैक्टीरिया को बदल सकते हैं और सूजन पैदा कर सकते हैं, जिससे रक्त संचार प्रणाली पर बुरा असर पड़ता है और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ सकता है।

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रिसर्च में क्या पाया गया?

  1. चीन के लोगों पर अध्ययन: रिसर्च में यह पाया गया कि जिन लोगों ने प्लास्टिक के कंटेनरों का इस्तेमाल किया, उनमें हार्ट डिजीज के मामलों का खतरा ज्यादा था।
  2. चूहों पर परीक्षण: शोधकर्ताओं ने चूहों को प्लास्टिक के कंटेनरों में उबाला हुआ पानी दिया और पाया कि इससे हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।

प्लास्टिक में कौन से केमिकल्स होते हैं?

रिसर्च में यह बात भी सामने आई कि प्लास्टिक के लगातार संपर्क में रहने से शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है। हालांकि, इस अध्ययन में किसी एक खास केमिकल का नाम नहीं लिया गया, लेकिन पहले की रिसर्च में BPA (Bisphenol A), Phthalates, और PFAS जैसे खतरनाक केमिकल्स का जिक्र किया गया है, जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

माइक्रोप्लास्टिक्स से बचने के उपाय

प्लास्टिक से होने वाले खतरों से बचने के लिए कुछ आसान कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. कांच या स्टील के कंटेनरों का उपयोग करें
  2. प्लास्टिक के कंटेनरों में खाना गर्म न करें, क्योंकि इससे माइक्रोप्लास्टिक्स अधिक निकलते हैं।
  3. बाहर से लाए गए खाने को प्लास्टिक के कंटेनरों में न रखें, बल्कि उसे कांच या स्टील के कंटेनरों में ट्रांसफर करें।
  4. ऐसे रेस्टोरेंट्स चुनें जो इको-फ्रेंडली या बायोडिग्रेडेबल कंटेनर्स का इस्तेमाल करते हैं

दिल की सेहत को ध्यान में रखते हुए

यह अध्ययन यह बताता है कि प्लास्टिक के कंटेनरों के लगातार इस्तेमाल से हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ सकता है। अगर आप अपने दिल की सेहत का ध्यान रखना चाहते हैं, तो प्लास्टिक के कंटेनरों का उपयोग कम करें और छोटे-छोटे बदलाव करें, जो आपकी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

हार्ट फेलियर का कारण बन सकती हैं ये खाने-पीने की आदतें:

  1. बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड और जंक फूड खाना
  2. बहुत ज्यादा सोडियम का सेवन: यह हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है, जो हार्ट फेलियर का एक प्रमुख जोखिम है।
  3. अधिक चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन
  4. अधिक खाना और देर रात को ज्यादा खाना
  5. बहुत अधिक शराब पीना
  6. भोजन छोड़ना या अत्यधिक डाइट फॉलो करना
  7. पर्याप्त फल और सब्जियां न खाना
  8. बहुत ज्यादा लाल और प्रोसेस्ड मीट खाना

निष्कर्ष:

आपकी दिल की सेहत को बनाए रखने के लिए अपनी खाने-पीने की आदतों में बदलाव करें। इस रिसर्च ने यह साबित कर दिया है कि प्लास्टिक के कंटेनरों के इस्तेमाल से हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ सकता है, और इससे बचने के लिए हमें सुरक्षित विकल्पों का चयन करना चाहिए।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और यह किसी भी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। अधिक एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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